प्रेमचंद के उपन्यास गोदान में आदर्शवादी दृष्टि अथवा यथार्थवाद परिलक्षित होता है
प्रश्न – प्रेमचंद के उपन्यास गोदान में आदर्शवादी दृष्टि अथवा यथार्थवाद परिलक्षित होता है , स्पष्ट कीजिए। प्रेमचंद के उपन्यास गोदान में आदर्शवादी दृष्टि उत्तर – प्रेमचंद कथा और उपन्यास के सम्राट थे। प्रेमचंद का समय वही है जो कविता के क्षेत्र में छायावाद का था। एक और छायावादी कवी कविता के माध्यम से … Read more