साधारणीकरण उत्त्पतिवाद अनुमितिवाद भुक्तिवाद अभिव्यक्तिवाद
साधारणीकरण , उत्त्पतिवाद , अनुमितिवाद , भुक्तिवाद , अभिव्यक्तिवाद। साधारणीकरण का सामान्य अर्थ है असाधारण को साधारण कर देना अथवा हो जाना। रस का सूत्र धारक भरतमुनि थे जिन्होंने ” विभावानुभावसंचारीसंयोगद्रसनिष्पत्ति ” की विवेचना की थी। साधारणीकरण के चार व्याख्याकार हुए हैं – १ भट्ट्लोलट २ श्री शंकुक ३ भट्नायक ४ अभिनव गुप्त भट्ट्लोलट … Read more