ध्रुवस्वामिनी राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक चेतना। jayshankr prsad ke natak
jayshankr prsad ke natak dhruvswamini राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक चेतना ध्रुवस्वामिनी नाटक में प्रसाद जी ने राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक चेतना का उत्कृष्ट रूप प्रस्तुत किया है। इतिहास से कथावस्तु का आधार ग्रहण करते हुए अतीत पर वर्तमान का चित्र प्रस्तुत करने मे सिद्धस्त नाटक शिल्पी माने जाते हैं। प्रसाद जी भारत के अतीत के गौरव एवं महत्ता … Read more