इस पोस्ट में आप सीखेंगे की लेसन प्लान क्या होता है और इसे कैसे बनाते हैं | Lesson plan in hindi
Lesson plan in hindi – how to make lesson plan
लेसन प्लान कैसे तैयार करें ? How to prepare lesson plan
कक्षा – १० B विषय – हिंदी कालांश -५
दिनांक – १८/३/२०१९ प्रकरण / उप विषय – देवसेना का गीत अवधि ४५ मिनट
सामान्य उद्देश्य Lesson plan objectives –
( लेसन प्लान का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों तक पाठ का संप्रेषण करना है।इसके अंतर्गत मुख्य बिंदु है )
- बौद्धिक विकास करना।
- तार्किक क्षमता का विकास करना।
- विश्लेषणात्मक शक्ति का विकास करना।
- चिंतन मनन की प्रवृत्ति का विकास करना
विशिष्ट उद्देश्य Main objectives of lesson plan –
( लेसन प्लान के द्वारा विद्यार्थीयों में पाठ से कुछ अलग हटकर भविष्य में विकास कर सकेंगे , विशिष्ट उद्देश्य के अंतर्गत आता है जैसे -)
- अभिव्यक्ति कौशल का विकास कर सकेंगे।
- सृजनात्मक शैली का विकास कर सकेंगे।
- संयुक्त क्रिया से अवगत कर पाएंगे।
- सर्वांगीण विकास कर पाएंगे।
सहायक शिक्षण सामग्री / शिक्षण विधि / श्यामपट्ट कार्य –
- श्यामपट्ट
- श्वेत डंडीका
- झाड़न
- मानचित्र
- व्याख्यान विधि
- समीक्षा विधि
- आगमन – निगमन विधि
- प्रश्नोत्तरी विधि। आदि
पूर्व ज्ञान –
( किसी भी पाठ्य को आरंभ करने से पूर्व छात्रों के पूर्व ज्ञान का अवलोकन आवश्यक है। इसके लिए अध्यापक छात्रों से कुछ सामान्य पाठ और पाठ से हटकर प्रश्न पूछेंगे , जो छात्र का ध्यान केंद्र करेगा और रुचि बनाए रखेगा )
ध्यान रहे प्रश्न बेहद सामान्य हो जो छात्रों को उसका उत्तर पता हो।
उद्देश्य कथन / घोषणा –
( यहां अध्यापक अपने छात्रों को पढ़ाए जाने वाले पाठ के विषय की घोषणा करेंगे ( क्षेत्रों आज हम देवसेना का गीत पढ़ेंगे ) विस्तार से चर्चा करेंगे।
निनलिखित बिंदु पर पूरी कक्षा का क्रियाकलाप होगा।
शिक्षण बिंदु – पढ़ाया जानेवाला बिंदु।
अध्यापक कार्य – अध्यापक द्वारा किया गया सभी प्रकार का क्रियाकलाप बोलना शब्द पर प्रकाश डालना आदि ।
छात्र कार्य – छात्रों द्वारा किया गया हरेक क्रियाकलाप ध्यान से सुनना लिखना पढ़ना आदि।
सहायक सामग्री – शिक्षा के आदान-प्रदान में प्रयोग किया गया हरेक सामग्री को लिखना श्यामपट्ट , श्वेत दंडिका , झाड़न आदि।
मूल्यांकन – शिक्षक द्वारा समय – समय पर इस अवधि में छात्रों का रूचि समझ आदि का मूल्याङ्कन करेंगे कुछ प्रश्न आदि पूछकर।
पुनरावृति प्रश्न –
( विषय और चर्चा बिंदु से संबंधित प्रश्न , अध्यापक द्वारा पूछे जाएंगे , जिससे बच्चों तक अध्यापक की बात पहुंची या ना पहुंची उसका मूल्यांकन तत्काल हो पाएगा। )
गृह कार्य –
क्षमता और रूचि के अनुसार अध्यापक छात्रों को गृह कार्य देंगे , जिसमें छात्र अपनी रुचि और अपनी क्षमता के अनुसार , उस ग्रह कार्य को पूरा करेंगे। जिसके माध्यम से अध्यापक अपने विद्यार्थियों का मूल्यांकन कर पाएंगे।
व्याकरण
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