Hindi poem | Unique Hindi kavita for success, life and motivation

Read below a good collection of Hindi poem on various topics. Such as Hindi poem on life, success, motivational, inspirational and other aspects.

1. Inspirational Hindi poem for success – लेकर आखो में सपने

 

लेकर आखो में सपने,

और ख्वाब एक बड़ा सा,

निकला था तलासने अपना मंजिल,

मंजिल के रास्ते मिले थे ‘दो’

समझ नहीं आया

कौन से रास्ते चलू

एक थी कटीली और कठिन,

दूसरी थी सरल और आसान,

चला जब मैं पहले रास्ते पर,

तब भरा था अंदर जोश और जूनून,

रुकना है बस पाकर मंजिल को,

था बस यही मेरे अंदर,

पैरो में अब छाले थे,

आया था अभी कुछ दूर ही,

लगा था खत्म होने, जोश और जूनून,

आया एक पल के लिए मन में

कुछ देर रुक लू, और कर लूँ आराम,

हिम्मत करके और बढ़ा,

पैरो में अब छाले थे,

लौट जाऊ अब पीछे,

खत्म हो गया मेरा जूनून,

पहुच कर मंजिल पर देखा,

आने वाले रास्तो को

थे पड़े मेरे पैरो के निशान,

और चल रहे थे लोग उसी निशान पर,

सब मना रहे थे मेरी खुशियाँ,

पंहुचा जब अपनी मंजिल पर,

था नहीं ध्यान किसी का,

मेरे पैरो के छाले पर,

चला जब दूसरी रास्ते पर,

तब भी पूरा था जोश और जूनून,

रुकना है बस पाकर मजिल,

था बस यही एरे अंदर,

न था कोई कंकंर,

ना ही कोई पत्थर,

था बड़ा आसन रास्ता,

जाने को मंजिल पर,

मिल गई सफलता आसानी से,

बिन किये मेहनत और और बिन बहाए पसीने,

था उसके खुशियों में डूबा,

जिसका न अनुभव न ज्ञान था मुझे,

उलझ गया उन खुशियों में ही,

जल्द ही जिसको पाया था,

कर लिया बर्बाद खुद ही,

जो शोर्टकट से आया था.

फिर एक बात समझ में आई,

है रास्ते दो सफलता के,

एक है कठिन और छालो से भरा,

जबकि दूसरा है आसानी से भरा,

चुन लो अपना रास्ता,

है कौन-सा चलने वाला,

एक तरफ है थोड़ा-सा दुःख,

दूसरी तरफ है दुःख –ही-दुख.

 

2. Motivational Hindi poem – क्यों बैठे हो हार मानकर

 

क्यों बैठे हो हार मानकर,

क्यों सोये हो भय खाकर,

उठो, जगो और चल पड़ो,

अपने विजय पथ पर

रोने से क्या होगा,

कोई नहीं आएगा चुप कराने,

सोने से क्या होगा,

कोई नहीं आएगा तुमको जगाने,

रोते को और रुलाती है यह दुनियाँ,

सोये हुए को और सुलाती है यह दुनियाँ,

उठो, जगो और चल पड़ो,

गिरे हुए को और गिराती है यह दुनियाँ.

उठ कर खुद ही चलना होगा,

भले ही लाख गिरो रास्ते में,

गिर गए तो क्या हुआ, फिर से उठ कर,

एक अलग मुकाम बनाना होगा.

क्यों बैठे हो हार मानकर,

क्यों सोये हो भय खाकर,

उठो जगो और चल पड़ो,

अपने विजय पथ पर

राहों में रुकने वाले हार जाते है,

राहो में मुड़ने वाले हार जाते है,

होती है जीत उस की अंत में,

राहो में जो चलते ही जाते है.

कोई भी राह आसन नहीं होती,

मेहनत से लानी पड़ती है,

अपने कदमो में जान, क्योंकी

चलने वाले की कभी हार नहीं होती,

रोकेंगे हजारो तुमको राहो में,

आयेंगे हजारो मुश्किलें राहो में,

न रुकना है, न मुड़ना है, न झुकना है,

रखकर ध्यान मंजिल का बस चलते रहना है.

क्यों बैठे हो हार मानकर,

क्यों सोये हो भय खाकर,

उठो जगो और चल पड़ो,

अपने विजय पथ पर

छोड़ देंगे अपने भी साथ तेरा,

उन मुश्किल भरी राहो में,

होगा चलना अकेले तुमको,

उन मुश्किल भरी राहो में,

पहुचेंगे मंजिल पर,

ये मन में विश्वास रखना,

कितना भी डगमगाए पैर तुम्हारा,

बस मंजिल पर ही ध्यान रखना,

पहुंचोगे एक दिन जब तुम मंजिल पर,

तुमको खुद पर अभिमान होगा,

नहीं रहेगा, कुछ भी कही,

बस ‘तुम्हारा’ दुनियाँ में हाहाकार होगा.

 

3. Hindi poem for life – ना कभी रुको तुम

नीचे एक Inspirational poem दिया जा रहा है. यह एक best Inspirational poem लाइफ के बारे में है.

ना कभी रुको तुम,
ना कभी झुको तुम,
सूर्य का प्रकाश हो,
ना ही कभी भूलो तुम.

 

चलना है, और बस चलते रहना है,
ना रुकना है, ना थकना है,
सूर्य का प्रकाश हो तुम ,
तुमको आगे बढ़ते रहना है.

 

उजाले फैलाकर इस दुनिया में,
करना है दूर अँधेरा तुम्हे,
सूर्य का प्रकाश हो तुम,
तुमको हमेशा जलते रहना है.

 

बादल आए आने दो,
कुछ देर में छट जाएगा,
नहीं टिक पायेगा अँधेरा भी,
दो पल में मिट जाएगा.

 

कर रहा है इतंजार,
इस दुनियाँ का कण-कण तुम्हे,
निकलो चीरकर और फाड़कर,
जो बदल और अँधेरा आये.

 

फैला दो प्रकाश अपना,

कण-कण और जन-जन में,
और मिटा दो सारा अँधेरा,
है तुममे इतने शक्ति भी.

Best motivational hindi kavita for kids

ना कभी रुको तुम,
ना कभी झुको तुम,
सूर्य का प्रकाश हो,
ना ही कभी भूलो तुम.

 

क्यों बैठे हो हार कर,
अपने मन की शक्ति को मार कर,
उठो और लग जाओ काम में,
है अपार शक्ति तुममे.

 

बैठ कर मंजिल को,
नहीं पाया है कोई भी यहाँ,
उठो और चल पड़ो,
मिले नहीं जब तक तुम्हारा मंजिल.

 

जो रुका है वह चूका है,
जो जगा है वो पाया है.
यही दुनियाँ की रित है,
जो सो गया वह खो गया.

 

जो चाहिए वो मिलेगा,
जितना चाहिए उतना मिलेगा.
है देने वाला तुम्हारे इतंजार में
कब आएगा और ले जाएगा.

 

अब तो उठो और चल पड़ो,
छट चूका है घना अँधेरा,
अब तो बिखेर दो अपना प्रकाश
क्योंकी सूर्य का प्रकाश हो तुम.

 

ना कभी रुको तुम,
ना कभी झुको तुम,
सूर्य का प्रकाश हो,

ना ही कभी भूलो तुम.

 

4. Inspirational Hindi poem – हम तो युवा राही है

 

हम तो एक युवा राही है

चलना है काम हमारा

मुश्किलें आएँ, मुश्किलें जाएँ

ठोकर खाकर हम उठ जाएँ

बिना सोचे मंजिल की दुरी

यू ही हम चलते जाएँ

कितनी भी आँधियाँ आएँ

या आएँ बारिश तूफानी

मिले रस्ते में पहाड़

या बहती नदियों का बौछार

काली रातो का अँधेरा मिलें

या मिलें सूर्य के धुप की मार

घनी जंगलो का बाधा मिलें

या ब्याधो का दहार

निकले है घर से ठान कर,

या तो मंजिल मिलेगी या हम नहीं

बिठाएंगे घुटनों के बल अपने मंजिल को

मंजिल रही तो हम नहीं हम रहे तो मंजिल नहीं

शक्ति है हमारे सोच मे

न झुकने की जिद है

न रुकने की आदत है

यूवा है बढ़ने की ताकत है

गिरते है, फिर खड़े हो जायंगे

टूटते है, फिर जुड़ जायेंगे

मरे नहीं जिन्दा है अभी

एक दिन इस दुनियाँ को दिखा जायेंगे

हम तो एक युवा राही है

चलना है काम हमारा

मुश्किलें आएँ, मुश्किलें जाएँ

ठोकर खाकर हम उठ जाएँ

Motivational hindi kavita for everyone

बिना सोचे मंजिल की दुरी

यू ही हम चलते जाएँ

आज जो हँसतें है हम पर

और छोड़ गये जो बिच रास्ते में

जिनको नहीं था यकी हम पर

और उड़ा गये जो मजाक हमारा

कल वही आयेंगे पास हमारे

और वही देख के इतरायेंगे

क्यों नहीं किया यकी

यही सोच कर पछतायेंगे

जब जायंगे मंजिल पर अपने

एक मुस्काता चेहरा लेकर

ना दर्द का एहसास होगा

ना ही किसी का भय होगा

तुम भी करोगे नाज हम पर

हम कुछ ऐसा कर जायेंगे

पाकर अपने मंजिल को

खुशियाँ तुम्हारे हवाले कर जायंगे

मंजिल तो एक पड़ाव है

हमें तो और दूर जाना है

रस्ते की सारी मुश्किलें और ठोकरों को

दुसरो के लिए भी हटाना है

न रुकना है, न ठहरना है

मंजिल को पाकर फिर से

नई ऊर्जा और उत्साह से

नई मंजिल के लिए रास्ता बनाना है

क्यों कि

हम तो एक युवा राही है

चलना है काम हमारा

मुश्किलें आएँ, मुश्किलें जाएँ

ठोकर खाकर हम उठ जाएँ

बिना सोचे मंजिल की दुरी

यू ही हम चलते जाएँ

Read more hindi kavita

 

देवसेना का गीत जयशंकर प्रसाद।आह वेदना मिली विदाई।
गीत फरोश भवानी प्रसाद मिश्र जी हाँ हुज़ूर में गीत बेचता हूँ
पैदल आदमी कविता रघुवीर सहाय। तार सप्तक के कवि। 
बादलों को घिरते देखा है कविता और उसकी पूरी व्याख्या

बहुत दिनों के बाद कविता व्याख्या सहित। नागार्जुन

उनको प्रणाम कविता व्याख्या सहित

सत्यकाम भवानी प्रसाद की पौराणिक आधारित कविता व्याख्या सहित

रामदास कविता व्याख्या सहित रघुवीर सहाय

नेता क्षमा करें कविता व्याख्या सहित रघुवीर सहाय

 

हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करें

facebook page

youtube channel

2 thoughts on “Hindi poem | Unique Hindi kavita for success, life and motivation”

Leave a Comment