Bharat me rangmanch – प्रसाद की रंगदृष्टि

We have written series of rangmanch notes. And have detailed information on this topic . रंगमंच की संपूर्ण जानकारी Prasad ki rang drishti | bharat me rangmanch – प्रसाद की रंगदृष्टि   भारत में रंगमंच का प्रयोग आदि समय से चला आ रहा है। पहले मंदिर में नृत्य – गायन आदि का आयोजन किया जाता … Read more

हिंदी नाटक साहित्य की विकास यात्रा Hindi natak sahitya

हिंदी नाटक साहित्य Hindi natak sahitya notes for students in hindi in detail. हिंदी नाटक साहित्य की विकास यात्रा   भारत में ईसा से लगभग 400 वर्ष नाट्य साहित्य निर्माण का प्रारंभ हुआ , उसके बाद संस्कृत नाटकों की एक सुदृढ़ और समृद्ध परंपरा चली। भास , कालिदास , भवभूति , अवघोष ,  विशाख ने … Read more

Bhartiya rangmanch भारतीय रंगमंच की परिकल्पना। रंगमंच का इतिहास

भारत में रंगमंच की परंपरा आदिकाल से चलता आ रहा है अभिनव वामन आदि के रचनाओं में भी विस्तार से उल्लेख किया गया है भारतीय रंगमंच ने समय के साथ-साथ अपने विषयवस्तु में बदलाव भी किया है यह बदलाव हमे स्वाधीनता संग्राम में भी देखने को मिला इससे प्रेरित होकर भारतेन्दु और उनके समकालीन कवियों … Read more

पारसी रंगमंच के तत्व | parsi rangmanch ke tatva

Hindi notes on parsi rangmanch ke tatva with full details. पारसी रंगमंच के तत्व parsi rangmanch ke tatva   बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में देश में एक नई रंगमंचिय कला पारसी थियेटर का विकास हुआ , किंतु अधिकांश विद्वान यह भी मानते हैं कि इस शैली का विकास शेक्शपीरियन थिएटर से प्रभावित होकर इंग्लैंड में … Read more

Parsi rangmanch | hindi rangmanch | पारसी रंगमंच

Hindi parsi rangmanch पारसी रंगमंच   अंग्रेजों के शासनकाल में भारत की राजधानी जब कोलकाता (1911) थी , वहां 1854 मे पहली बार अंग्रेजी नाटक मंचित हुआ। इससे प्रेरित होकर नव शिक्षित भारतीयों में अपना रंगमंच बनाने की इच्छा जागी।मंदिर में होने वाले – नृत्य , गीत , आदि आम आदमी के मनोरंजन के साधन थे। … Read more

प्राचीन नाटक के तत्व Praachin natak ke tatva

Hindi notes on प्राचीन नाटक के तत्व praachin natak ke tatva. If you want articles on other topics then comment below topics name. प्राचीन नाटक के तत्व Praachin natak ke tatva   प्राचीन भारतीय नाट्य शास्त्र में नाटक के चार तत्व को स्वीकार किया गया है। 1 वस्तु 2 नेता 3 रस 4 अभिनय   … Read more

पूर्व भारतीय युगीन नाटक Purva bhartendu yugeen natak

पूर्व भारतीय युगीन नाटक – Purva bhartendu yugeen natak notes in hindi पूर्व भारतेन्दु युगीन नाटक ( Purva bhartendu yugeen natak )   भारतेंदु जी के नाटकों में कविता की प्रधानता प्राप्त है। भारतेंदु पूर्व के प्रायः सभी नाटक कविता से बोझिल थे। हम इन्हें काव्य नाटक कह सकते हैं। कुछ आलोचक इन्हें नाटक नहीं काव्य … Read more

भारतेंदु युग 1850-1900 Bhartendu Yug natak hindi notes

भारतेंदु युग ( 1850 – 1900 )  Bhartendu Yug Natak   भारतेंदु को हिंदी साहित्य के आधुनिक युग का प्रतिनिधि माना जाता है। माना जाता है कि आधुनिक हिंदी को नई दिशा प्रदान करने का श्रेय भारतेंदु को दिया जाता है। इस कारण उन्हें आधुनिक हिंदी नाटक का जनक भी माना जाता है। नाटकों को … Read more

हिंदी नाट्य रंगमंच विकास यात्रा – भारतेंदु पूर्व युग

हिंदी नाट्य रंगमंच विकास यात्रा पर संपूर्ण जानकारी पाने के लिए पोस्ट को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़ें | Hindi naatya rangmanch vikas yatra hindi notes. हिंदी नाट्य रंगमंच विकास यात्रा   भारतेंदु पूर्व युग ( Poorva bhartendu yug ) – भारतेंदु से पूर्व हिंदी नाटक – हिंदी में नाटक की ठोस शुरुआत भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटक … Read more

फार्स हिंदी रंगमंच फार्स क्या है हिंदी नाटक से सम्बन्ध विस्तृत जानकारी hindi rngmanch

फार्स हिंदी रंगमंच की पूरी जानकारी पाने के लिए ये पोस्ट पूरा पढ़ें | फार्स हिंदी रंगमंच। फार्स – फार्स ‘लेटिन’ धातु का शब्द है , जिसका अर्थ है किसी चीज के बीच में कोई चीज भर देना। फार्स में कॉमिक (विनोदात्मक) दृश्यों की योजना की जाती है ,फार्स नाटक का वह रूप होता है … Read more