रामदास कविता व्याख्या सहित रघुवीर सहाय | Ramdas kavita vyakhya sahit

 

रामदास कविता व्याख्या सहित रघुवीर सहाय | रघुवीर सहाय वरिष्ठ पत्रकार के साथ – साथ दूसरे तार – सप्तक के कवि थे सहाय ने अपनी रचना में एक साधारण आजम आदमी को भागिदार बनाया है। सामाजिक , न्यायिक व्यवस्ता के विरुद्ध मानवीय संवेदना को प्रकट कर व्यवस्ता के खोखलेपन को उजागर किया है।

” व्यंगकार ईंट – पत्थर से नहीं बल्कि सलीके से मारता है ” – सादात हसन मंटो

प्रगतिवाद प्रगतिशील काव्य की प्रवृतियां

ramdas kavita vyakhya

रामदास कविता व्याख्या सहित 

रामदास काल्पनिक चरित्र है , जो आम आदमी का प्रतिनिधित्व कर रहा है। रामदास की हत्या केवल व्यक्ति की हत्या नहीं है यह हमारी सोच , लोकतंत्र व न्याय के प्रति आस्था की हत्या है।  कानून एक है , परंतु यह व्यक्ति के वर्ग के और पहुँच के अनुसार बांट दिया जाता है। कानून का सर्वाधिक दुरुपयोग पैसे वाले अथवा संपन्न परिवार किया करता है। राजनेता का यह खिलौना मात्र है।  हम उस समाज में रहते हैं , जिसमें अपराध खुले में किया जाता है , छिपाकर नहीं। रामदास उदास था क्योंकि उसने धमकी मिली हुई थी , अपराधियों का समाज में किस प्रकार वर्चस्व है इसकी तरफ ध्यान आकृष्ट किया गया है। पेट पर हाथ रखा निर्धन एक आदमी की अभिव्यक्ति इस कविता में की गयी है। लोग रामदास की हत्या को देखना चाहते थे , यह कितना संवेदनशून्य समाज है। समाज को यह पता था कि रामदास की हत्या होने वाली है , लोगों ने उस हत्या को रोकना नहीं चाहा , बल्कि रामदास की हत्या का एक-एक क्षण अपनी आंखों से देखना चाहा।  आसपास के लोग तमाशा देख रहे थे और लोगों को दिखा रहे थे कि यह देखो रामदास की हत्या हो चुकी , जो सबको पता था।

इस समाज व्यवस्था , कानून से और कानून से खिलवाड़ करने वालों से कवि का ह्रदय हताश और निराश होता है जिससे  इस कविता की रचना होती है। उसका विचलित मन उसे इस कविता में साधारण व्यक्ति की बर्बरता वह दयनीय स्थिति को दिखाता है , यह हत्या भारतीय संविधान और लोकतंत्र की हत्या है।

 

चौड़ी सड़क गली पतली थी
दिन का समय घनी बदली थी
रामदास उस दिन उदास था
अंत समय आ गया पास था
उसे बता यह दिया गया था उसकी हत्या होगी

प्रसंग – रामदास , रघुवीर सहाय की बहुचर्चित कविता है। इस कविता में एक साधारण से व्यक्ति का समाज में किस प्रकार अभिजात्य वर्ग , शोषित वर्ग शोषण करते हैं।  किस प्रकार साधारण व्यक्ति लाचार व अभावग्रस्त स्थिति में है। यह जानते हुए भी कि आज उसका कुछ नुकसान ( हत्या ) होने वाला है। वह आम व्यक्ति कुछ नहीं कर पाता सिवाय लाचार रहने के। शासन-प्रशासन सब उसकी व्यवस्था , सुरक्षा तक नहीं कर पाते।  पूरी कविता में एक साधारण से व्यक्ति क सामाजिक व मानवीय दयनीय स्थिति का मार्मिक वर्णन किया गया है

व्याख्या  – कवि वर्णनात्मक शैली में इस कविता को प्रस्तुत करता है। पहले उस घटनास्थल का चित्र उपस्थित करता है , चौड़ी सड़क थी , गली पतली थी , इससे पाठक के मन में एक दृश्य उत्पन्न होता है।इस दृश्य के माध्यम से कवि अपने बातों को पाठक तक रखना चाहता है। कवि रामदास के आसपास का दृश्य उत्पन्न कर उसके मानसिक स्थिति का वर्णन करता है।  रामदास को यह पता था कि आज उसकी हत्या होनी निश्चित है।  क्योंकि उसे पहले ही धमकी मिल चुकी थी। दिन , स्थान और समय सब तय था। इस चिंता में रामदास उदास था और उसकी उदासी का कारण हत्या होने की घोषणा थी।

काव्य सौंदर्य –

  • जनसामान्य के निकट की भाषा ,
  • वर्णनात्मक शैली ,
  • घटना का यथार्थ चित्रण
  • शब्द बिंब का प्रयोग
  • असहाय व निर्धन व्यक्ति की स्थिति का मार्मिक चित्रण।

 

गीत फरोश भवानी प्रसाद मिश्र
पैदल आदमी कविता रघुवीर सहाय

धीरे धीरे चला अकेले
सोचा साथ किसी को ले ले
फिर रह गया, सड़क पर सब थे
सभी मौन थे सभी निहत्थे
सभी जानते थे यह उस दिन उसकी हत्या होगी

 

व्याख्या  – कवि रामदास के मानसिक स्थिति और उसके आसपास के परिवेश वातावरण को उद्घाटित करते हुए आगे कहना चाहता है , कि रामदास को यह मालूम होते हुए भी क्या जिसकी हत्या होनी निश्चित है। वह उदास मन से चौड़ी सड़क पर आगे धीरे-धीरे अकेले चलने लगा और सोचा कि किसी को साथ ले ले। मगर उसका कोई सहायक भी उसे ना प्राप्त हुआ। यह सोचने लगा कि कोई बात नहीं सड़क पर तो सभी लोग हैं , अगर ऐसी घटना होती है तो सभी लोग विरोध करेंगे।  किंतु उसे आभास हुआ कि सड़क पर सभी व्यक्ति निहत्थे हैं और सभी मौन खड़े हैं और उसे एक टक निहार रहे हैं , क्योंकि उन्हें भी यह आभास था कि आज रामदास की हत्या होनी है। वह एक – दूसरे को इशारा करते हुए बता रहे थे कि यह वही रामदास है जिसकी आज हत्या होनी निश्चित है।लोग , समाज हत्या होने का इंतजार कर रहे थे।

काव्य सौंदर्य –

  • वर्णनात्मक शैली
  • परिवेश / वातावरण का उद्घाटन
  • मानवीय संवेदना का निम्न स्तर प्रकट किया है
  • लाचार व अभाव ग्रस्त व्यक्ति के मानसिक स्थिति और सामाजिक स्थिति का साक्षात वर्णन किया है
  • समाज किसी भी घटना में मूक दर्शक दर्शक बना रहता है उस स्थिति का सजीव वर्णन।

 

खड़ा हुआ वह बीच सड़क पर
दोनों हाथ पेट पर रख कर
सधे क़दम रख कर के आए
लोग सिमट कर आँख गड़ाए
लगे देखने उसको जिसकी तय था हत्या होगी

व्याख्या  –  कवि कहता है कि रामदास को आभास होते हुए भी क्या आज उसकी हत्या होनी निश्चित है , यह सोचते हुए कि किसी को साथ ले – ले।  फिर वह देखने लगा कि मेरे आस-पास समाज के लोग हैं। यह धैर्य करते हुए वह सड़क पर चला जा रहा था। अपने दोनों हाथ पीठ पर रखकर सचेत रूप से सतर्क आगे बढ़ता जा रहा था। किंतु आस-पास खड़े समाज के लोग ही उसे एकटक आंख गड़ाए देख रहे थे।  उसकी हत्या का इंतजार कर रहे थे। लोगों को यह पता था कि आज रामदास की हत्या होनी तय है, क्योंकि बदमाशों ने उसके हत्या की घोषणा पूर्व ही कर दी थी।

काव्य सौंदर्य –

  • वर्णनात्मक शैली
  • वातावरण का साक्षात रूप में विवरण
  • ‘ पेट पर हाथ रखना ‘  गरीब व असहाय होने का संकेत
  • ‘ सिमटकर आंख गड़ाए ‘ से सामाजिक स्थिति का वर्णन
  • भाषा सरल व जनसामान्य के निकट।

 

 

निकल गली से तब हत्यारा
आया उसने नाम पुकारा
हाथ तौल कर चाकू मारा
छूटा लोहू का फव्वारा
कहा नहीं था उसने आख़िर उसकी हत्या होगी

 

व्याख्या – कवि इस क्रम में आगे कहता है कि , वह हत्यारा जिसने पूर्व ही बताया हुआ था कि आज वह रामदास की हत्या करेगा। वह एक गली से निकला और रामदास नाम पुकारा और यह सुनिश्चित किया कि यह रामदास ही है। हत्या करने का औजार /चाकू निकालकर उसने अपने घोषणा को अंतिम रूप दिया। हत्यारे ने चाकू रामदास के पेट में मार दिया जिसके कारण रामदास के पेट से रक्त की धारा वह निकली।  लोग इस घटना को अपनी आंखों से सजीव रूप में देख रहे थे। किंतु किसी भी समाज के व्यक्ति ने इस घटना को होने से नहीं रोका। समाज के लोग एक दूसरे को यह बता रहे थे कि – ‘ कहा नहीं था इसकी हत्या होगी ‘ लो हत्यारे ने रामदास की हत्या हो गई। यहां कवि ने समाज की स्थिति मुक – दर्शक के रूप में प्रकट की है।

काव्य सौंदर्य –

  • वर्णनात्मक शैली
  • वीभत्स रस का प्रयोग
  • समाज के मुक दर्शक रहने की स्थिति का वर्णन
  • सजीव वातावरण उपस्थित करने का प्रयास
  • ‘ लोहू ‘  क्षेत्रीय शब्द
  • साधारण व्यक्ति के मार्मिक स्थिति का वर्णन
  • समाज में हत्यारे व कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर किया गया है
  • सरकार की संवेदनहीनता प्रकट की गई है।

 

बहुत दिनों के बाद कविता व्याख्या सहित। नागार्जुन bahut dino ke baad kavita

उनको प्रणाम कविता व्याख्या सहित | Unko pranam full vyakhya

 

भीड़ ठेल कर लौट गया वह
मरा पड़ा है रामदास यह
देखो-देखो बार बार कह
लोग निडर उस जगह खड़े रह
लगे बुलाने उन्हें जिन्हें संशय था हत्या होगी

 

व्याख्या – कवि रामदास की हत्या होने के उपरांत हत्यारा किस प्रकार निर्विरोध और निर्भीक होकर हत्या को अंजाम देकर वहां खड़ी भीड़ को ठेल कर निकल गया। वहां खड़ा कोई भी समाज का व्यक्ति व्यक्ति उस हत्यारे को नहीं रोक सका अथवा हत्या होने से नहीं रोक पाया। इस पंक्ति में कवि ने हत्या होने के उपरांत समाज की स्थिति का वर्णन किया है। रामदास की हत्या होनी है , यह रामदास और समाज को भी पता था। सभी लोग उसे हत्या होने से पूर्व ही एक टक देख रहे थे और यह इंतजार कर रहे थे कि रामदास हत्या कब होगी। उसी क्रम में हत्यारे ने वहां उपस्थित होकर रामदास होने की पुष्टि कर उसकी हत्या कर दी। हत्या करके निर्भीक वहां से सभी के सामने भीड़ को ठेल कर निकल जाता है। किंतु कोई भी व्यक्ति हत्यारे को नहीं रोक पाता। कवि इसके माध्यम से समाज में उपस्थित दयनीय स्थिति को उजागर करता है। समाज के लोग हत्या होने के बाद यह देखकर आपस में बातें कर रहे थे – ‘ लो इसकी हत्या हो गई , अब यह मरा पड़ा है , देखो ! यह रामदास है जिसकी हत्या होनी निश्चित थी।’  और जिन लोगों को यह विश्वास नहीं था कि आज रामदास की हत्या होगी उन लोगों पर बुलाकर दिखाने लगे उनका संशय दूर करने लगे।

काव्य सौंदर्य –

  • वर्णनात्मक शैली का प्रयोग
  • भाषा सरल व जनसामान्य के निकट
  • साधारण व्यक्ति की स्थिति का मार्मिक चित्रण
  • सामाजिक व्यवस्था को उजागर किया है
  • कानून व्यवस्था और असामाजिक तत्वों का वर्चस्व प्रकट करने का प्रयत्न
  • कविता में नाटकीयता का समावेश आदि।

 

 

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5 thoughts on “रामदास कविता व्याख्या सहित रघुवीर सहाय | Ramdas kavita vyakhya sahit”

  1. Sir you are doing great job convenience for New comer aspirants students….. I salute you behalf all Indians …. please carry on….. thanks

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